गुरू मंत्र: देवानाचं ऋषीणाचं गुरं काचंनसन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ऊँ: ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:
गुरुर ब्रह्मा,गुरुर विष्णु,गुरुर देवो महेश्रवरा।
गुरुर साक्षात परब्रह्मा तस्म्यी श्री गुरुवे नमः
समस्या के बारे में सोचने से हमे बहाने मिलते हैं समाधान के बारे में सोचने से हमें रास्ते मिलते हैं! जीवन को सफल बनाने के लिए कर्म व भाग्य दोनों की आवश्यकता होती है। Life brings tears smiles & memories.The tears dry the smiles fade but the memories last forever.
रिश्ते तो वही हैं जो सहजता से निभे जिन्हें निभाना पड़े उसे दुनियादारी कहते हैं।
सदा खुश रहिये, हँसते रहिये हँसाते रहिये।